कोई बात ऐसी कहो कभी, मेरी आरज़ू को वज़न मिले
मुझे होश ना रहे कोई, मेरी हसरतों को गगन मिले !
यूँ तो साल कितने गुज़र गए, ये तो ज़िन्दगी का सफ़र रहा
तेरी एक झलक है बसी हुई, जैसे कल ही तो थे तुम मिले
मुझे लोग कहते हैं बावरा, मैंने एक ख़िताब तो कमा लिया
मैंने दिल से अपने कहा है कल , ज़रा आईने से कम मिले
कई राज़ लेके चला हूँ मैं , तभी दूर तक न गया कभी
मैंने फैसलों को बदल दिया , तेरे नैन जब भी नम मिले