Sunday, April 21, 2013

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राज़ हमसे ना ये अब छुपाया जायेगा 
दीवाना किस्सो मे हकीकत सुनायेगा . 
ये सोच के मुहब्बत की नहीं हमसे ,
शायर है आखिर कितना कमायेगा !! 

तेरी आदत मेरी शिद्दत का इम्तेहां लेती है 
अब जाने भी दे- और कितना आज़माएगा 
कर ले इश्क़ यहाँ कुछ हराम नहीं होता 
खुदा भी इंसान है ,समझ जायेगा !

मेरी हिम्मत की बात कभी करना मत 
सिर्फ इशारों मे ही जंग हार जायेगा 
मेरी माफी मेरी जीत का सबब है साहब 
मुहब्बत कर, खुद ब खुद जान जायेगा !

2 comments:

  1. खुदा भी इश्क तो करता है ... ओर समझता भी है ...

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  2. sundar gazal, तेरी आदत मेरी शिद्दत का इम्तेहां लेती है
    अब जाने भी दे- और कितना आज़माएगा
    कर ले इश्क़ यहाँ कुछ हराम नहीं होता
    खुदा भी इंसान है ,समझ जायेगा !

    मेरी हिम्मत की बात कभी करना मत
    सिर्फ इशारों मे ही जंग हार जायेगा
    मेरी माफी मेरी जीत का सबब है साहब
    मुहब्बत कर, खुद ब खुद जान जायेगा !

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