मुहब्बत करता है, मुहब्बत समझता है
एसा शख़्स आजकल कहाँ मिलता है
मैंने रूह तक झाँक कर देखा है
इश्क़ बेरंग है, पर हर घड़ी रंग बदलता है
एसा शख़्स आजकल कहाँ मिलता है
मैंने रूह तक झाँक कर देखा है
इश्क़ बेरंग है, पर हर घड़ी रंग बदलता है
तुम्हारे होने से होता भी तो क्या होता
शाम अब भी होती है, दिन अब भी ढलता है
और इस शहर को छोड़ के जाता कहाँ
वो हवा बदलने के लिए घर बदलता है
शाम अब भी होती है, दिन अब भी ढलता है
और इस शहर को छोड़ के जाता कहाँ
वो हवा बदलने के लिए घर बदलता है
हुज़ूर मोम है या फ़ौलाद क्या मालूम
आफ़ताब के आगे तो सब पिघलता है
माँग लेना माफ़ी खुदा से एक रोज़
अभी इश्क़ में हो, अभी सब चलता है
आफ़ताब के आगे तो सब पिघलता है
माँग लेना माफ़ी खुदा से एक रोज़
अभी इश्क़ में हो, अभी सब चलता है
शुक्रिया सुनील
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