चंद लाशों की दो पल हिफाज़त कर दी,
उनकी टोपी ने फिर से सियासत कर दी ,
तेरी ताक़त का ज़नाज़ा भी देखा हमने
एक बार जो कुदरत ने बगावत कर दी !
मेरे आका तेरे गुस्से को समझता हु मै
तेरे कानून बदलने की हिमाक़त कर दी !
तेरे परबत , तेरे जंगल तो बने सब के लिए
कुछ नमूनों ने इसे खुद की विरासत कर दी
उनकी आदत है दरिया को परेशां करना
फिर ये कहना कि बारिश ने शरारत कर दी
उनकी टोपी ने फिर से सियासत कर दी ,
तेरी ताक़त का ज़नाज़ा भी देखा हमने
एक बार जो कुदरत ने बगावत कर दी !
मेरे आका तेरे गुस्से को समझता हु मै
तेरे कानून बदलने की हिमाक़त कर दी !
तेरे परबत , तेरे जंगल तो बने सब के लिए
कुछ नमूनों ने इसे खुद की विरासत कर दी
उनकी आदत है दरिया को परेशां करना
फिर ये कहना कि बारिश ने शरारत कर दी
No comments:
Post a Comment