राज़ हमसे ना ये अब छुपाया जायेगा
दीवाना किस्सो मे हकीकत सुनायेगा .
ये सोच के मुहब्बत की नहीं हमसे ,
शायर है आखिर कितना कमायेगा !!
तेरी आदत मेरी शिद्दत का इम्तेहां लेती है
अब जाने भी दे- और कितना आज़माएगा
कर ले इश्क़ यहाँ कुछ हराम नहीं होता
खुदा भी इंसान है ,समझ जायेगा !
मेरी हिम्मत की बात कभी करना मत
सिर्फ इशारों मे ही जंग हार जायेगा
मेरी माफी मेरी जीत का सबब है साहब
मुहब्बत कर, खुद ब खुद जान जायेगा !
खुदा भी इश्क तो करता है ... ओर समझता भी है ...
ReplyDeletesundar gazal, तेरी आदत मेरी शिद्दत का इम्तेहां लेती है
ReplyDeleteअब जाने भी दे- और कितना आज़माएगा
कर ले इश्क़ यहाँ कुछ हराम नहीं होता
खुदा भी इंसान है ,समझ जायेगा !
मेरी हिम्मत की बात कभी करना मत
सिर्फ इशारों मे ही जंग हार जायेगा
मेरी माफी मेरी जीत का सबब है साहब
मुहब्बत कर, खुद ब खुद जान जायेगा !