ये उसकी दूर होने की सफ़ाई है
थोड़ी मजबूरी थोड़ी बेवफ़ाई है
कल तलक जान थी वो मेरी
आज मेरी जान पे बन आइ है
हुस्न वाले धोखा देंगे अक्सर
बुज़ुर्गों की सलाह में सच्चाई है
बहुत दिनो बाद हूँ घर लौटा
कुछ किताबों से धूल हटाई है
मेरा लुटना तेरे शहर में आकर
मेरे इश्क़ की कमाई है
चुपचाप मेरे कान में सच कह जा
एसी भी क्या रूसवाई है
क्या ख़्वाब ए मोहब्बत मेरा था
क्या हक़ीक़त तूने दिखाई है
हम कभी एक हो नहीं सकते
बात देर से समझ आइ है
थोड़ी मजबूरी थोड़ी बेवफ़ाई है
कल तलक जान थी वो मेरी
आज मेरी जान पे बन आइ है
हुस्न वाले धोखा देंगे अक्सर
बुज़ुर्गों की सलाह में सच्चाई है
बहुत दिनो बाद हूँ घर लौटा
कुछ किताबों से धूल हटाई है
मेरा लुटना तेरे शहर में आकर
मेरे इश्क़ की कमाई है
चुपचाप मेरे कान में सच कह जा
एसी भी क्या रूसवाई है
क्या ख़्वाब ए मोहब्बत मेरा था
क्या हक़ीक़त तूने दिखाई है
हम कभी एक हो नहीं सकते
बात देर से समझ आइ है
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