कोई शिकवा दरमियाँ नहीं
तो भी गुफ़्तगू आसाँ नहीं
तो भी गुफ़्तगू आसाँ नहीं
मैं चुप सा रहने लगा हूँ अब
और,तुम्हारे मुँह में ज़ुबां नहीं
और,तुम्हारे मुँह में ज़ुबां नहीं
बड़े लोग तेरे शहर में हैं
बता मिलूँ कहाँ और कहाँ नहीं
बता मिलूँ कहाँ और कहाँ नहीं
कैसे मैं कहूँ मुझे भूल जा
मुझे ख़ुद पे इतना गुमा नहीं
मुझे ख़ुद पे इतना गुमा नहीं
मेरी आशिक़ी का सबब ना पूछ
मेरे रंज ओ ग़म का बयाँ नहीं
मेरे रंज ओ ग़म का बयाँ नहीं
तेरा हाथ थामे निकल चलूँ
कहीं एसा कोई जहाँ नहीं
कहीं एसा कोई जहाँ नहीं
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