झूठ जब मुझ से कह रहा होगा
दिल उसका भी सुन रहा होगा
इतनी शिद्दत से चाहता हूँ तुम्हें
लोग कहते हैं सरफिरा होगा
मुझसे मिलने को वो नहीं आया
काम कोई मुझसे भी बड़ा होगा
आज कहते हो कि मोहब्बत है
कल को जाने क्या वास्ता होगा
वो मेरा नाम तक तो भूल गया
इससे ज़्यादा अब और क्या होगा
इतने लोग देख कर सुकून आया
मेरा मातम तो ख़ुशनुमा होगा
दिल उसका भी सुन रहा होगा
इतनी शिद्दत से चाहता हूँ तुम्हें
लोग कहते हैं सरफिरा होगा
मुझसे मिलने को वो नहीं आया
काम कोई मुझसे भी बड़ा होगा
आज कहते हो कि मोहब्बत है
कल को जाने क्या वास्ता होगा
वो मेरा नाम तक तो भूल गया
इससे ज़्यादा अब और क्या होगा
इतने लोग देख कर सुकून आया
मेरा मातम तो ख़ुशनुमा होगा
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