Wednesday, December 13, 2017

30

मुझको तुम्हारा गुमान होना चाहिए क्या ?
मेरे चेहरे पे भी निशान होना चाहिए क्या ?

तुम इम्तिहान लेते हो शिद्दत का मेरी
सच कहो मेरा इम्तिहान होना चाहिए क्या ?

ये 
 वहशत  फ़िराक़ और ये एकाकी
अब सुबह भी एक जाम होना चाहिए क्या ?

यूँ चला आता हूँ हर बार शहर तेरे
दिल्ली में मेरा मकान होना चाहिए क्या ?

तेरी उम्मीद, मेरे ख़्वाब और कुछ हवा
घर में और भी सामान होना  चाहिये क्या ?

सारे मुंसिफ़ खड़े नज़र आते हैं तेरे हक में
फ़ैसला और भी आसान होना चाहिए क्या ?

No comments:

Post a Comment

Recent

43

नहीं वो बात अब पीपल की ठंडी छांव में   शहर बसने लगा है रोज़ मेरे गांव में न जाने बोलियां मीठी कहाँ गायब हुई   नहीं है फर्क कोई कूक में और...

Popular