मुझको तुम्हारा गुमान होना चाहिए क्या ?
मेरे चेहरे पे भी निशान होना चाहिए क्या ?
तुम इम्तिहान लेते हो शिद्दत का मेरी
सच कहो मेरा इम्तिहान होना चाहिए क्या ?
ये वहशत ए फ़िराक़ और ये एकाकी
अब सुबह भी एक जाम होना चाहिए क्या ?
यूँ चला आता हूँ हर बार शहर तेरे
दिल्ली में मेरा मकान होना चाहिए क्या ?
तेरी उम्मीद, मेरे ख़्वाब और कुछ हवा
घर में और भी सामान होना चाहिये क्या ?
सारे मुंसिफ़ खड़े नज़र आते हैं तेरे हक में
फ़ैसला और भी आसान होना चाहिए क्या ?
मेरे चेहरे पे भी निशान होना चाहिए क्या ?
तुम इम्तिहान लेते हो शिद्दत का मेरी
सच कहो मेरा इम्तिहान होना चाहिए क्या ?
ये वहशत ए फ़िराक़ और ये एकाकी
अब सुबह भी एक जाम होना चाहिए क्या ?
यूँ चला आता हूँ हर बार शहर तेरे
दिल्ली में मेरा मकान होना चाहिए क्या ?
तेरी उम्मीद, मेरे ख़्वाब और कुछ हवा
घर में और भी सामान होना चाहिये क्या ?
सारे मुंसिफ़ खड़े नज़र आते हैं तेरे हक में
फ़ैसला और भी आसान होना चाहिए क्या ?
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